कभी- कभी निकल जाती हूं छांव की तलाश में,दूर । कभी- कभी निकल जाती हूं छांव की तलाश में,दूर ।
तेरी कल्पनाओं का है ह्रदय में गेह प्रियवर... तेरी कल्पनाओं का है ह्रदय में गेह प्रियवर...
मीना ने फुलझड़ी जलाई। मीना ने फुलझड़ी जलाई।
वक्त बचा बहुत कम फैला कारोबार है तानों उलाहनों की मची भरमार है वक्त बचा बहुत कम फैला कारोबार है तानों उलाहनों की मची भरमार ...
वो जो उलझन बहुत देर से उलझी थी मेरे मन से। वो जो उलझन बहुत देर से उलझी थी मेरे मन से।
बनों "वृक्ष " से दानवीर खुद भूखा रह फल देता "बादल" से बन जाओ तरल खुद भूखा रह , बरस बनों "वृक्ष " से दानवीर खुद भूखा रह फल देता "बादल" से बन जाओ तरल खुद ...